विद्युत सखी योजना: महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाते हुए कमाई का नया जरिया, Vidyut Sakhi Scheme

Vidyut Sakhi Scheme: उत्तर प्रदेश सरकार (Uttar Pradesh Government) महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई योजनाएं चला रही है। इनमें से एक है ‘विद्युत सखी योजना’ (Vidyut Sakhi Scheme)। इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को बिजली बिल संग्रहण का काम देकर उनकी आय बढ़ाना और उन्हें समाज में एक सशक्त भूमिका प्रदान करना है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) की प्रेरणा से शुरू की गई इस योजना के तहत अब तक कई महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं और अपने परिवारों की आर्थिक स्थिति को सुधारने में सफल रही हैं।Vidyut Sakhi Scheme

Vidyut Sakhi Scheme: सिलौटा गांव की राजश्री शुक्ला बनीं प्रेरणा

बाराबंकी जिले के रामनगर विकासखंड के सिलौटा गांव की रहने वाली राजश्री शुक्ला (Rajshree Shukla) ने इस योजना से जुड़कर न केवल अपने परिवार की आय में इजाफा किया बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं के लिए भी प्रेरणा स्रोत बन गईं। उन्होंने अपनी मेहनत से गांव-गांव जाकर बिजली बिल जमा किया और अन्य महिलाओं को भी इस योजना से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। इस काम से न केवल उनका जीवन स्तर बेहतर हुआ है, बल्कि गांव के लोगों को भी बिजली बिल जमा करने में आसानी हो रही है।

Vidyut Sakhi Scheme में महिलाओं की भूमिका

विद्युत सखी योजना के तहत ग्रामीण इलाकों में महिलाओं को बिजली बिल संग्रहण का जिम्मा सौंपा जाता है। राजश्री शुक्ला जैसी महिलाएं घर-घर जाकर बिजली बिल जमा करती हैं और इसके बदले में कमीशन प्राप्त करती हैं। इसके अलावा, ये महिलाएं ग्रामीणों को योगी सरकार की अन्य योजनाओं के बारे में भी जागरूक करती हैं, जिससे ग्रामीण जीवन में बदलाव आ रहा है।

इन विद्युत सखियों ने अपने आत्मनिर्भर बनने के साथ-साथ समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को भी स्थापित किया है। ये महिलाएं न सिर्फ बिजली बिल संग्रह करती हैं, बल्कि समाज में जागरूकता भी फैलाती हैं और ग्रामीण विकास में सहयोगी साबित हो रही हैं।

राजश्री शुक्ला की सफलता की कहानी

राजश्री शुक्ला ने जुलाई 2024 में 81,900 रुपये का कमीशन अर्जित कर प्रदेश की शीर्ष दस विद्युत सखियों में अपनी जगह बना ली। हर महीने वे 50,000 रुपये से अधिक कमा रही हैं, जिससे उनके परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है। उनकी यह सफलता कई अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन रही है, और वे भी इस योजना से जुड़कर अपने जीवन को बदलने का प्रयास कर रही हैं।

कैसे बनीं राजश्री शुक्ला विद्युत सखी?

राजश्री बताती हैं कि वे स्वयं सहायता समूह (Self Help Group) के माध्यम से इस योजना से जुड़ीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस योजना को बैंकिंग सखियों की तर्ज पर शुरू किया, ताकि महिलाएं इस माध्यम से अपनी आय बढ़ा सकें।

विद्युत सखियों को काम करने के लिए एक विशेष एप्लिकेशन दी जाती है, जिसके जरिए वे बिजली का बिल ऑनलाइन जमा करती हैं और उनका कमीशन भी इसी एप के माध्यम से उनके खाते में जमा होता है। इस प्रक्रिया से न केवल उनका काम आसान हुआ है, बल्कि उन्हें बिजली विभाग के उपकेंद्रों तक जाने की भी आवश्यकता नहीं पड़ती।

महिलाओं का राजस्व में योगदान

उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन की निदेशक दीपा रंजन ने बताया कि इस योजना से जुड़ी महिलाएं न केवल आत्मनिर्भर हो रही हैं, बल्कि प्रदेश की राजस्व वृद्धि में भी अहम योगदान दे रही हैं। अब तक 10,500 से अधिक विद्युत सखियों ने 1120 करोड़ रुपये का बिजली बिल संग्रह किया है, जिससे उन्हें कुल 14.6 करोड़ रुपये का कमीशन प्राप्त हुआ है। यह योजना न केवल महिलाओं को सशक्त कर रही है, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बना रही है।

आत्मनिर्भरता की ओर एक कदम

विद्युत सखी योजना उत्तर प्रदेश की 30,000 से अधिक महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही हैं। इसके तहत महिलाएं हर महीने 6,000 से 8,000 रुपये तक कमा रही हैं, जो उनके परिवार की आय में सहायक साबित हो रहा है। यह योजना केवल आर्थिक सशक्तिकरण तक सीमित नहीं है, बल्कि महिलाओं को समाज में एक नई पहचान दिलाने में भी मदद कर रही है।

CONCLUSION

Vidyut Sakhi Scheme मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की एक सशक्त पहल है, जो ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बना रही है। इस योजना के जरिए महिलाएं न केवल आर्थिक रूप से मजबूत हो रही हैं, बल्कि समाज में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए बदलाव का प्रतीक भी बन रही हैं। विद्युत सखियों का योगदान प्रदेश की राजस्व वृद्धि में भी देखा जा रहा है, जिससे यह योजना हर दृष्टि से सफल सिद्ध हो रही है।

यदि यह योजना इसी तरह से आगे बढ़ती रही, तो आने वाले समय में उत्तर प्रदेश की महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से और भी अधिक सशक्त बन सकेंगी।

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